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नील  नदी का तोहफा  ---Egypt  (The Gift of Nile-- Egypt)
किसी अन्य देश की यात्रा करना अपने आप में एक अनोखा अनुभव है। और यही यात्रा अगर आप Egypt  की कर रहे हैं तो क्या कहने। मिस्र की घाटियों के बारे में मैंने  बचपन से सुना था।  मैं  हमेशा सोचती थी  कि  कैसे होंगे पिरामिड ? क्या तस्वीरों जैसे ही दिखते  होंगे? तरह तरह के सवाल मन में आते थे। और जब मुझे सचमुच Egypt जाने का मौका मिला तो मेरी ख़ुशी का ठिकाना न रहा। Egypt अफ्रीका महादेश का एक ऐसा देश है जो अपनी सांस्कृतिक  धरोहर के लिए जाना जाता है।भारत से इसकी दूरी  4500 किलो मीटर 
यात्रा का पहला कदम है वीसा। जो आपको दिल्ली , मुंबई या कोलकाता से आसानी से मिल जाता है। यदि आप पटना के निवासी हैं तो आपको दिल्ली या मुंबई जाकर वहां से  विमान लेना होगा। इस यात्रा के लिए आप किसी ट्रेवल एजेंट से पैकेज ले सकते हैं ।  दिल्ली के इंदिरा गाँधी इंटरनेशनल हवाई अड्डे पर यात्रा के दिन मैंने सुबह उडान  के तीन घंटे पहले अपने परिवार के साथ चेक इन किया। हमने थोड़े से डॉलर दिल्ली के एअरपोर्ट पर ले लिए थे।  साथ में कुछ डॉलर रखना सुरक्षि
दूसरे  दिन हमने दिन भर के लिए एक टैक्सी बुक कर ली। सबसे पहले हम great Pyramids of Giza( ग्रेट पिरामिड ऑफ़ गीज़ा ) देखने गए। उन भव्य ज्यामितीय रचनाओं को देखकर तो विश्वास  ही नहीं होता कि  ये 4000 साल से ज्यों के त्यों खड़े हैं। मुख्य पिरामिड 480 फीट ऊँचा है जिसे  बनाने में तीस वर्ष लगे थे। एक एक पत्थर करीब 80 टन का है।  पिरामिड दुनिया के सात आश्चर्यों में से एक है, जो सचमुच अपने आप में  अद्भुत  है।। इतनी  विशाल रचना सिर्फ बाहर  से ही नहीं अन्दर से भी देखी जा सकती है। अन्दर दो कमरे बने है जो king's और queen's  चैम्बर के नाम से जाने जाते हैं,जिसे देखने के लिए अलग से टिकट लगता है। अन्दर जाने के लिए एक संकरा सा रास्ता है।  यदि आप पूरी तरह फिट हैं तभी अन्दर जाने का टिकट  लें। उस परिसर में  कुल नौ पिरा
Egypt में दो तरह की रेल सेवा है। स्लीपर ट्रेन और सिटींग ट्रेन। हमने स्लीपर ट्रेन ली जो अपने आप में एक सुखद अनुभव था। ट्रेन के attendent अति शिष्ट थे और रात के भोजन से लेकर सुबह उतरने तक उन्होंने हमारा ध्यान रखा। आसवान  में हमने cruise( क्रूज ) पर दो दिन की बुकिंग कराई थी। क्रूज वाले स्टेशन पर हमें लेने आ गए।  क्रूज दो बजे खुलने वाला था। रास्ते  में क्
अब एक बज चुका था और दो बजे हमारा क्रूज चलने वाला था।समय को ध्यान में रखते हुए हमें जल्दी जल्दी वापस आना पड़ा। दोपहर केसमय हमने डेक पर जाकर यात्रा का आनंद लिया। नदी के दोनों तरफ एक एक किलोमीटर तक हरियाली और उसके बाद रेगिस्तान। ऊपर साफ़ नीला आसमान। सचमुच ऐसा प्राकृतिक सौंदर्य बिरले ही देखने को मिलता है।
अब एक बज चुका था और दो बजे हमारा क्रूज चलने वाला था।समय को ध्यान में रखते हुए हमें जल्दी जल्दी वापस आना पड़ा। दोपहर केसमय हमने डेक पर जाकर यात्रा का आनंद लिया। नदी के दोनों तरफ एक एक किलोमीटर तक हरियाली और उसके बाद रेगिस्तान। ऊपर साफ़ नीला आसमान। सचमुच ऐसा प्राकृतिक सौंदर्य बिरले ही देखने को मिलता है।
 शाम छः बजे हम कोम ओम्बो टेम्
शाम छः बजे हम Luxor( लुक्सर ) पहुंचे जहाँ का टेम्पल बहुत मशहूर है। रात में तो यह और भी भव्य लग रहा था।इसे मिस्र के राजा तुतनखामुन ने
सुबह हमने क्रूज से चेक आउट कर लिया और लुक्सर के वेस्ट बैंक से फेरी द्वारा ईस्ट बैंक पर आ गए। वहां हमे किंग्स वैली देखने जाना था। ये वैली एक ऐसी वैली है जहाँ 62 राजाओं के tomb देखने को मिलते हैं। तुतनखामुन के tomb से पाई गयी चीज़ें देखने के बाद आश्चर्यचकित हुए बिना नहीं रहा जा सकता। 3400 साल पहले भी राजाओं द्वारा इस्तेमाल की गयी चीज़ें आज की चीज़ों से भी बेहतर लग रही थी। शाम को हम लुकसर वापस आ गए और हमने कैरो की ट्रेन ले ली।
शाम छः बजे हम Luxor( लुक्सर ) पहुंचे जहाँ का टेम्पल बहुत मशहूर है। रात में तो यह और भी भव्य लग रहा था।इसे मिस्र के राजा तुतनखामुन ने
सुबह हमने क्रूज से चेक आउट कर लिया और लुक्सर के वेस्ट बैंक से फेरी द्वारा ईस्ट बैंक पर आ गए। वहां हमे किंग्स वैली देखने जाना था। ये वैली एक ऐसी वैली है जहाँ 62 राजाओं के tomb देखने को मिलते हैं। तुतनखामुन के tomb से पाई गयी चीज़ें देखने के बाद आश्चर्यचकित हुए बिना नहीं रहा जा सकता। 3400 साल पहले भी राजाओं द्वारा इस्तेमाल की गयी चीज़ें आज की चीज़ों से भी बेहतर लग रही थी। शाम को हम लुकसर वापस आ गए और हमने कैरो की ट्रेन ले ली।
हम सुबह 9 बजे कैरो वापस पहुंचे। यहाँ हमने नील नदी के सामने ही एक होटल लिया था। ये शहर के बीचोबीच था। सबसे पहले हम कैरो म्यूजियम देखने गए। वहां107 कमरे हैं जहाँ 1,60,000 चीज़ें रखी हैं, जो करीब 5000 वर्ष पुरानी हैं। यह म्यूजियम सिर्फ Egypt  ही नहीं पूरे  विश्व की धरोहर है। एक बार वहां जाने के बाद ऐसा लगता है की आप इस म्यूजियम में महीने भर रहें तो कम पड़ेगा। एक एक चीज़ अनमोल है। वहां हमने 33 राजसी  ममी  भी देखा।  उसके बाद हम सिटाडेल और हैंगिंग चर्च  देखने गए। तबतक शाम हो गयी थी। शाम  हमने एक मॉल में बितायी  जो काफी आलिशान था। इस तरह से हमारी छः दिन की यात्रा समाप्त हुई और हमें सुबह वापसी का हवाई  जहाज लेना था।
 सुबह हमने नौ बजे अपना विमान बोर्ड कर लिया। वापसी में हमने Jordon( जौरडन)   में दो दिनों की  ब्रेक जर्नी लेकर विश्व प्रसिद्ध डेड सी देखा। यह खारे पानी की एक ऐसी झील है जिसमे नमक इतनी ज्यादा मात्रा  में है कि  उसमे कोई  डूबता नहीं। 
एक दिन हमने Petra( पेट्रा ) सिटी भी देखा जहाँ करीब 5 वर्ग किलोमीटर में 4000 वर्ष पुरानी सभ्यता के आश्चर्यजनक अवशेष हैं। जौ
एक दिन हमने Petra( पेट्रा ) सिटी भी देखा जहाँ करीब 5 वर्ग किलोमीटर में 4000 वर्ष पुरानी सभ्यता के आश्चर्यजनक अवशेष हैं। जौ
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- Egypt जाने का उचित समय अक्टूबर से मार्च है। अन्य महीनो में बहुत गर्मी होती है।
- दिल्ली से इजिप्ट की दूरी 4500 km है। वहां की मुद्रा इजिपशियन पाउंड है।
- अपने पासपोर्ट का सदा ध्यान रखें। विदेश में वही आपकी पहचान है।
- विदेशी मुद्रा अब डेबिट कार्ड से भी निकली जा सकती है।
 






 
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